शिवम बहुत खुश था ,क्योंकि उसका एड्मिशन एक अच्छे कॉलेज में हो गया था, इसलिए वो एक अच्छा सा इंस्टिट्यूट भी ज्वाइन कर लिया। उसका इंस्टिट्यूट सुबह के 6 बजे था,और घर से दूर होने की वजह से वो सुबह जल्दी उठ कर इंस्टिट्यूट चला जाता था,गर्मी में तो ठीक था,लेकिन ठण्ड आने के बाद उसे बहुत समस्या होने लगी,इसलिए उसने ये बात अपने शिक्षक को बताई, इस पर शिक्षक हसने लगे और उन्होंने कहा की इतनी सुबह लड़किया भी आती हैं फिर तुम तो लड़के हो, इस बात को सुन कर अचानक शिवम को याद आया की शिक्षक ने बात तो सही कही थी, उसके क्लास की ही लड़किया सुबह में इंस्टिट्यूट तो आती हैं ये बात तो सच है,उसी के साथ पढ़ने वाली लड़की जिसका नाम स्वेता था,वो भी काफी दूर से सायकिल से आती थी । कुछ दिनों के बाद शिवम् का कॉलेज शुरू हो गया, इसलिए वो इंस्टिट्यूट से जल्दी निकल जाया करता था,पहले घर जाता फिर कॉलेज जाता था,लेकिन कितना भी जल्दी कर लो शिवम् क्लास में लेट पहुँचता था,इसलिए उसने सोचा इंस्टिट्यूट से ही थोड़ा लेट निकल कर सीधे कॉलेज चला जाये, जिससे वो समय पर पहुंच जायेगा, इसलिए वो इंस्टिट्यूट में ही बैठ कर कुछ देर तक अपने दोस्तों से बात किया,फिर वो अपने सायकिल से कॉलेज की तरफ रवाना हो गया, कुछ दूर जाने के बाद देखा स्वेता अपने सायकिल से आगे जा रही है,शिवम् भी उसके पीछे हो लिया, कुछ देर तक पीछे चलाते हुए,अचानक शिवम् को ध्यान आया,क्यों ना स्वेता का घर देखा जाये,इसलिए वो स्वेता के पीछा करने लगा, ये बात स्वेता भी समझ चुकी थी, उसे लग गया था की शिवम् उसका पीछा कर रहा है,इसलिए वो अपना सायकिल थोड़ा धीरे कर ली,अब शिवम् भी सायकिल धीरे कर लिया। लेकिन आखिर कब तक वो सायकिल धीरे चलाता,क्योंकि स्वेता ने अपना स्पीड बहुत ही काम कर दिया था, शिवम् ने सोचा अब तो रोज इधर से ही जाना है,इसलिए घर फिर कभी देख लेगा,ऐसा सोच कर वो स्वेता से आगे निकल गया,और कुछ देर के बाद जब वो पीछे देखा तो स्वेता गायब थी,मतलब वो कहीं से दूसरा रास्ता ले ली थी,शिवम् कॉलेज की तरफ बढ़ गया,और अगले दिन जब इंस्टिट्यूट गया तो स्वेता उसे अजीब नजरो से देख रही थी, उसकी आँखों में गुस्सा था,शिवम् उसकी आँखों से अपनी आँखों को मिला नहीं पा रहा था, आज भी वही हुआ,पहले तो स्वेता बहुत तेज सायकिल चला रही थी,लेकिन जब उसका घर नजदीक आया तो वो अपना स्पीड कम कर दी, शिवम् फिर उसे क्रॉस करके आगे निकल गया। ये सिल्सलिअ कुछ दिनों तक चलता रहा,लेकिन शिवम् स्वेता का घर नहीं देख पाया।आज शिवम् ने मूड बना लिया था की चाहे कुछ भी हो जा, आज वो स्वेता का घर देख ही लेगा।इसलिए आज वो स्वेता के स्पीड को फ्लो करता रहा,और स्वेता को मजबूरन अपने घर की गली में जाना ही पड़ा,जबकि वो उस गली को दो बार क्रॉस कर चुकी थी,और शिवम् आज उसका घर देख ही लिया,लेकिन कॉलेज पहुँचने में उसे बहुत लेट हो गया था। अगले दिन इंस्टिट्यूट में स्वेता शिवम् को लगातार देख रही थी,उसकी आँखे साफ़ साफ़ बोल रही थी की उसके दिल में भी शिवम् के लिए कुछ तो है।जब भी नजर मिलती स्वेता मुस्कुरा देती। तभी स्वेता ने शिक्षक से बोला वो पानी पीना चाहती है,इसलिए उसे क्लास के बाहर जाने दिया जाये, और इशारे ही इशारे में वो शिवम् को क्लास के बाहर बुला रही थी,लेकिन इस बात को जानते हुए भी शिवम् ने मजाक में ही बोल दिया की मेरे लिए भी पानी ले आना,ये सुन कर अचानक से स्वेता रोने लगी, अब तो शिक्षक को ये समझ नहीं आ रहा था की पानी मांगने पर स्वेत अरोने क्यों लगी? पूछने पर स्वेता ने बताया की शिवम् ने भी उससे पानी माँगा है ये सुन कर तो शिवम् के होश उड़ गए, और उसने शिक्षक को बताया की उसने मजाक में बोला था,लेकिन शिक्षक ने उसे सजा दे दी,जिससे शिवम् बहुत गुस्सा हो गया और वो चुप चाप सायकिल निकाल कर कॉलेज चला जाता था,अब स्वेता उसका पीछा करती,लेकिन शिवम् की इतनी स्पीड होती की स्वेता पीछे रह जाती थी,उसने कई बार कोशिश की वो शिवम् से बात करे लेकिन शिवम् कभी भी स्वेता की तरफ नजर उठा कर भी नहीं देखता।
Wednesday, 14 November 2018
प्यार भरा सपना
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