Wednesday, 14 November 2018

उसकी आँखों ने कुछ कहना चाहा


बात उस समय की है जब मैं इंस्टिट्यूट में पढ़ रहा था, उसी इंस्टिट्यूट में मेरी सिनियर एक दिन मेरे साथ लैब में बैठी हुई थी, और ड्राइंग बना रही थी, उसकी ड्राइंग देख कर मैं ख़ुशी से बोला की ये ड्राइंग आपने बनाया है, उसने भी तुरन्त बोला तुम्हे क्या लगता है ? मैंने भी बोला पेंटिंग बहुत अच्छी है। वो मुसकुरा कर रह गयी। अगले दिन वो फिर लैब में नजर आयी, और इस बार दूसरी पेंटिंग के साथ, मेरे मुह से अनायास ये निकल गया की ये पेंटिंग कल वाली पेंटिंग से भी अच्छी है। इस तरह हमारी बात-चीत शुरू हुई। चुकी वो मेरी सीनियर थी, इसलिए मैं उससे खुल कर बात नहीं कर पा रहा था। लेकिन वक्त के साथ साथ हमारी बात-चीत भी बढ़ती चली गयी। एक दिन सभी सीनियर उससे पार्टी मांग रहे थे, मैं भी पहुँचा, मैंने पूछा किस बात की पार्टी ली जा रही है, तो एक सीनियर ने बताया की आज उसका बर्थडे है। मैंने भी बर्थडे का विश कर दिया। अब सभी पार्टी का मांग कर रहे थे,तभी लड़की ने बोला की अगर मैं पार्टी का मांग करू तो वो पार्टी देगी।अब तो सभी सीनियर मेरी तरफ देखेने लगे, मुझे थोड़ा अजीब लगा की मैं जूनियर हो कर कैसे पार्टी की मांग करू? और सीनियर सोच रहे थे की ये जूनियर कैसे हमारी क्लासमेट के नजदीक पहुँच गया? अब सीनियर ने मुझसे कहा तो मैंने लड़की से कह दिया की पार्टी दे दीजिये । इस पर लड़की ने कहा मेनू भी मुझे ही सेलेक्ट करना है, अब तो सीनियर मेरे पर गुस्सा करने लगे, खैर पार्टी हो गयी, और मैं सोचता रह गया की आखिर मुझे इतना इम्पोर्टेंस क्यों दिया गया? फिर उसका क्लास खत्म हो गया, लेकिन ना ही मैं उससे कुछ कह पाया ना ही उस लड़की ने मुझे कह कहा, लेकिन हमेशा मुझे ऐसा लगा की उसकी आँखे कुछ कहना चाहती है, लेकिन जुबान नहीं कह पाए। काफी दिनों के बाद एक दिन अचानक वो लड़की मुझे बाजार में नजर आयी तो हमारी निगाहें आपस में टकराई, और हम दोनों एक दूसरे के पहचान गए, वो लड़की मेरे तरफ आगे बढ़ रही थी, लेकिन ये क्या उसकी मांग सिंदूर से भरी थी, मतलब उसकी शादी हो गयी थी, और मैं भी बढ़ते-बढ़ते अचानक रुक गया और एक फिंकी से मुसकुराहट देते हुए आगे बढ़ गया।

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