Tuesday, 13 November 2018

मैं तो जानता हूँ…..प्रेम कहानी

सुबह के ८:३० बजे थे. ठीक उसी समय लगभग ८० वर्ष के एक वृद्ध व्यक्ति ने अस्पताल में कदम रखा. वह जल्दी में लग रहा था.

उसकी हड़बड़ी देख अपनी नाईट शिफ्ट ख़त्म कर वापसी लौट रही एक नर्स ने जिज्ञासावश पूछ लिया, “सर, क्या आपका किसी डॉक्टर से अपॉइंटमेंट है?”

वृद्ध व्यक्ति ने उत्तर दिया, “नहीं सिस्टर! मैं तो यहाँ अपनी पत्नि से मिलने आया हूँ. उसे अल्झाइमर है और वह यहाँ भर्ती है. ९ बजे मुझे उसके साथ नाश्ता करना है.”

“ओह, तो क्या आपके देर से पहुँचने पर वो नाराज़ हो जायेंगी.”

“नहीं, उसने तो मुझे पिछले ५ सालों से पहचाना ही नहीं है.” वृद्ध की आँखों में उसके ह्रदय में उठ रही टीस की झलक थी.

“इसके बाद भी आप उनसे मिलने रोज़ यहाँ आते है, जबकि वह ये भी नहीं जानती कि आप कौन है.”

वृद्ध ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “तो क्या हुआ? मैं तो जानता हूँ कि वो कौन है.”

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