उसके घर में ऐसा कुछ था जो उसे पता नहीं था उसका असर
भी नज़र नहीं आ रहा था वह तीन भाई थे तीनो साथ में बात तो करते थे मगर वह तीनो ही
अलग थे, उनके मकान भी तीनो के साथ में ही जुड़े हुए थे,
जैसे की एक लाइन में बने होते है पहले भाई की दिवार दूसरे भाई की
दिवार से जुडी थी और तीसरे भाई की दिवार दूसरे भाई की दिवार से जुडी हुई थी,
वह तीनो भाई अलग-अलग काम करते थे,
उनके सभी के
खेत भी अलग-अलग थे, बड़े भाई को कुछ कम मिला हुआ था
मगर दोनों छोटे भाई को अच्छा मिला था बड़े को इस बात का गम नहीं था मगर जो हुआ था
वह सोचकर बहुत परेशान हो जाते थे, वो जीवन में धन
को महत्व नहीं देते है बल्कि उनका मानना है की धन सिर्फ जीविका को चला सकता है मगर
जीवन में अच्छे सम्बन्ध को नहीं बना सकता है लेकिन दोनों छोटे भाई इस बारे में गलत
ही सोचते है उनका मानना है की धन ही सब कुछ है
एक दिन की बात है बड़ा भाई अपने खेत में काम कर रहा था
लगभग दोपहर हो चुकी थी, उसे कोई अपने खेत में खड़ा हुआ
नज़र आया था मगर इससे पहले की वह कुछ देख पाते तब तक वह वहा से जा चूका था तभी बड़ा
भाई दूसरे भाई के पास आया और पूछा की क्या तुमने किसी को यहां पर देखा है लेकिन
उसने साफ़ मना कर दिया था क्योकि उसने किसी को भी नहीं देखा था वह सोच में पड़ गया
था
तभी वह जब घर पर आया तो उसने अपनी पत्नी को यह बात बता
दी थी की आज उसने किसी को देखा है मगर जब तक वह पहचान पाता तब तक वह दिखाई नहीं
दिया था उसकी पत्नी को कुछ समझ नहीं आया था उसने कहा की यह आपका वहम हो सकता है इस
तरह उन्होंने ने उस बात को वही पर रोक दिया था अगले दिन बड़ा भाई काम पर गया था और
उसे फिर कुछ वही पर नज़र आया था वह उसके पास जाना चाहता था मगर फिर से वह नाकामयाब
हो गया था, लेकिन इस बार वह वहम नहीं हो
सकता था
यह क्या हो रहा है उसे समझने के लीयते वह अपने दूसरे
भाई के पास गया था मगर किसी ने भी यहां पर कोई नहीं देखा था जब बड़ा भाई घर आया तो
उसने पत्नी को बताया की आज फिर से कोई हमे देख रहा था मगर उसके पास जाने से पहले
फिर वह चला गया था उधर पत्नी ने भी एक बात अपने पति को बताई थी.
जब वह घर में
काम कर रही थी तो दूसरे कमरे में रौशनी नज़र आयी थी उस रौशनी को देखने के लिए वह
अंदर गयी तो कुछ भी नज़र नहीं आया था मगर मुझे अच्छे से याद है की उस समय बिजली
नहीं थी और फिर भी कमरे में रौशनी थी जब देखा तो कुछ भी नहीं था ऐसा पता नहीं क्यों
हो रहा था दोनों लोग बहुत ज्यादा डर चुके थे यह क्या हो रहा था,
उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था अगर वह यह बात किसी को बता भी देते
है तो भी कुछ फायदा नहीं होगा
वह यह सब पता करने के लिए एक साधू बाबा के पास गए थे,
उन्होंने ने साड़ी बात उन्हें बताई मगर उनके पास और कुछ भी ऐसा बताने
के लिए नहीं था, साधू बाबा ने कहा की में
तुम्हारे घर पर एक दिन आयूंगा उसके बाद ही कुछ बता सकते है की क्या होता है और किस
वजह से यह हो रहा है, उसके बाद वह दोनों घर चले गए थे,
उनकी समस्या ऐसी ही बनी थी, कोई कुछ भी नहीं
कर सकता था
हर रोज जब वह काम पर जाता तो उसे वह फिर से नज़र आ जाता
था, इस तरह घर पर जब वह काम करती थी तो घर में भी रौशनी हो
जाया करती थी, इस तरह जब कुछ दिन बीत गए थे तो
उनके घर पर साधू बाबा आये थे, जब वह घर पर आये
तो उन्होंने ने सब कुछ दुबारा से पूछा और सब कुछ सुनने के बाद उन्होंने ने यह तय
किया की कल सुबह वह खेत की और जाएंगे बड़े भाई के साथ वह खेत की और गए थे
जब दोपहर हुई तो साधू बाबा ने देखा की वह आदमी नहीं है
एक परछाई है जबकि उसे आदमी समझा जा रहा था साधू बाबा ने पोता करने की कोशिश की थी
यह कौन हो सकते है मगर कुछ पता नहीं चला था उसके बाद वह घर की और आ गए थे जब वह घर
पहुंचे तो उन्होंने ने सुना की यहां पर भी एक कमरे में रौशनी होती है,
इसका पता लगाने के लिए अगले दिन वह सभी लोग घर पर रुके हुए थे जब वह
रौशनी हुई तो सभी लोग उस कमरे में गए थे
जब वह कमरे में गए तो वह रौशनी हलकी हो रही थी उस
रौशनी की चमक कमरे के फर्श से आ रही थी साधू बाबा ने कहा की यह दोनों काम एक दिन
से शरू हुए थे और यह दोनों बात एक साथ जुडी हुई है वह परछाई यही कहना चाहती है की
तुम्हे अपने घर में देखना चाहिए क्योकि इस कमरे से रौशनी निकल रही थी तुम्हे यहां
पर खोद कर देखना चाहिए तभी इस बात का पता चल पायेगा
उसके बाद उस जगह को खोदा गया था लेकिन यह बात किसी को
भी नहीं बतानी थी इसलिए उस वक़्त वही लोग वही पर थे जब बहुत ज्यादा खोदा गया था,
तो उसके बाद उसमे खुश पुराने घड़े रखे हुए नज़र आये थे उन्हें निकालकर
देखा गया तो उनमे सोना रखा गया था यह काम उनके शायद दादाजी ने किया होगा यह रौशनी
उन्हें इस धन के पास लाना चाहती थी जिससे उन्हें जीवन में कोई परेशानी न हो,
इस तरह इस समस्या का हल हो गया था
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