ये बात उन दिनों की है जब मैं पंद्रह साल का था और आज
से लगभग पांच साल पहले मैं अपने मामा किशोर के यहाँ पर रहने के लिए गया हुआ था. जो
की आगरा मैं रहते थे. वहा जाकर पता चला कि यहा तो 2 साल से अकाल पड़ा है और पानी लेने के लिए 2
किलोमीटर जाना पड़ता है . मामा मामी से मिलने के बाद मेरे मामा का
लड़का और मै पानी लेने के लिए चल पड़े
रास्ते मे पैदल चलते हुए थक गए थे और एक जगह बैठ गए .
तब उसने एक किस्सा सुनाया कि पिछले साल पानी की वजह से एक औरत का बच्चा रो रहा था
और वो काफी बीमार था. इसलिए वो पानी मांगने हमारे गाँव में आयी लेकिन उसको किसी ने
पानी नहीं दिया . जब वो वापस लौट रही थी तो रास्ते में उसको महाजन के घर पर पानी
दिखा तो उसने बिना पूछे पानी पीने की कोशिश की
जब उसको महाजन ने देखा तो वो गुस्से से आग बबूला हो
गया. उस औरत ने भागने की कोशिश की लेकिन वो गिर गयी . महाजन ने बिना आव ताव देखे
उस औरत की हत्या कर दी . उसके एक दिन बाद उस बच्चे की भी बिना पानी के मौत हो गयी
. कुछ दिनों बाद खबर आयी कि उसी महाजन को भी किसी ने मार दिया और धीरे धीरे उसके
पुरे परिवार को किसी अनजानी ताकत ने मौत के घाट उतार दिया. यह किस्सा सुनने के बाद
हम दोनों पानी लेकर वापस गाँव की तरफ लौटने लगे . हल्का हल्का अँधेरा हो चुका था .
अचानक हमारे सामने एक बच्चा आया और पानी मांगने लगा . लेकिन इतनी दूर से पानी लाने
के कारण हमने उसे मना कर दिया . घर पहुचकर मैंने खाना खाया,
पेड़ के नीचे पलंग पर सो गया . अचानक रात को वोही बच्चा मेरे सामने
आया और पानी मांगने लगा
मैंने ध्यान नहीं दिया और गुस्से से उसे कहा कि चले
जाओ . और मेरे सामने वो औरत दिखाई दी . अचानक मै उठ गया और देखा वहा कोई नहीं था .
मैंने सोचा कोई सपना आया होगा . फिर रात को 1 बजे के आस पास मै
मैदान की तरफ गया और मुझे पानी शब्द सुने दिया . मैंने सोचा मामी होगी . फिर मै
वापस पंलंग की तरफ लौटा ही था कि अचानक फिर पानी शब्द सुनाई दिया . अब मै गुस्से
से आग बबूला हो गया और कहा कौन है सामने आओ अभी पानी देता हु इतना कहते ही मेरे
पीछे किसी के होने का अनुभव हुवा तो मैंने पीछे मुडकर देखा तो एक औरत कुदाली लेकर
खडी थी . मै डर के मारे बहुत जोर से भागा और रस्ते में एक पत्थर से ठोकर लगने से
नीचे गिर गया. उसके बाद जो हुआ वो चमत्कार से कम नहीं था. उस रात हल्के बादल थे और
अचानक कुछ पानी की बुँदे उस औरत पर पड़ी और वो औरत गायब हो गयी
मै अपनी जान बचाने के लिए प्रभु को धन्यवाद देने लगा .
अगले दिन ही सुबह जल्दी 4 बजे मैंने अपने घर मकराना जाने
की ठान ली . मै अपने मामा मामी को बिना बताये निकल पड़ा . स्टेशन पर पंहुचा और
बैठे हुए मैंने देखा कि बच्चा रो रहा था . मै घबरा गया लेकिन वो औरत पास आयी और
पानी मांगने लगी . मेरे को पानी चाहिए था लेकिन मैंने अपनी बोतल से उस औरत और
बच्चे को पानी पिला दिया . उसके बाद रेल आ गयी और मै अपने घर पहुच गया . उसके बाद
से मै हमेशा पानी अपने पास रखकर सोता हु . उस दिन के बाद से मैं उस रात को याद कर,
मैं कांपने लग जाता हु
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